वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
जिला पुरूष चिकित्सालय में 24 घण्टे में हुई बुखार से 6 मौतों की खबर कतिपय मीडिया हाउस द्वारा प्रकाशित किये जाने का प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए सीएमओ डा. संतोष गुप्ता द्वारा एक तीन सदस्यी जांच टीम का गठन किया गया जिसमें सीएमएस, एसीएमओ व बाल रोग विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय को शामिल किया गया था। टीम के द्वारा इस सम्बन्ध में अपनी जांच रिर्पोट सीएमओ को सौंप दी गयी है। रिर्पोट के अनुसार यह मौतें बुखार से नहीं अपितु अन्य बीमारियों के चलते हुई हैं और यह सभी मौतें सिर्फ 24 घण्टें में न होकर तीन दिवसों में हुई है। जांच रिर्पोट को लेकर सीएमओ डा. सन्तोष गुप्ता ने बताया कि जांच टीम द्वारा 24 घण्टें में मौत के मामले की गहन जांच की गयी जिसमें पता चला है कि भन्ते (10) पुत्र मुकेश निवासी सफीपुर, हरगांव, सीतापुर को 11 सितम्बर 2023 की शाम को 7 बजकर 23 मिनट पर भर्ती किया गया था जिसकी मृत्यु सेप्टीसीमिया के कारण उसी दिन 11 बजकर 5 मिनट पर हो गयी थी, दूसरी मृत्यु लतीफ (16) पुत्र जमाल अहमद निवासी मिर्जापुर थाना ईसानगर को दिनांक 10 सितम्बर 2023 समय रात्रि 11ः50 मिनट पर भर्ती किया गया जिसकी मृत्यु 11 सितम्बर को रात्रि 11ः25 पर निमोनाइटस के कारण हो गयी थी तीसरी मृत्यु बराती अली (70) पुत्र छेद्दू निवासी मुद्रासन थाना हरगांव सीतापुर 10 सितम्बर 2023 को 2 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसकी मृत्यु मेनिनजाइटिस के कारण इसी दिना शाम 05ः35 पर हो गयी थी। चौथी मृत्यु महरूनिशा (60) पत्नी निजामुद्दीन निवासी मो0 महराज नगर कोतवाली सदर को 10 सितम्बर 2023 को दोपहर 03ः30 मिनट पर भर्ती कराया गया था जिसकी मृत्यु हाइपोटेन्सन शाक सेप्टीसीमिया के कारण इसी दिन शाम 06ः35 मिनट पर हो गयी थी पांचवी मृत्यु जगमोहन लाल (55) पुत्र छोटे लाल निवासी मीरपुर कोतवाली सदर को 9 सितम्बर 2023 को सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर भर्ती कराया गया था जो कि क्षय रोग से ग्रसित था जिसकी मृत्यु 10 सितम्बर 2023 को सुबह 8 बजकर 23 मिनट पर हो गयी थी वहीं छठी मृत्यु रामकुमार (75) पुत्र बिन्द्रा प्रसाद निवासी नौवापुर, पढुआ खीरी को 12 सितम्बर 2023 की सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर भर्ती कराया गया था जिसकी मृत्यु सीओपीडी विद रेस्परेटरी फेलयोर से 12 सितम्बर 2023 को दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर हो गयी थी।
समाचार पत्र द्वारा सभी 6 मौतों को बुखार से होना र्दशाकर खबर प्रकाशित की गयी थी जिससे आम जनमानस में भय व्यापत होने जैसे स्थिति बनने लगती है अतः उन्होने सभी मीडिया बन्धुओं से अपेक्षा करते हुये कहा कि किसी भी खबर को प्रकाशित करने से पूर्व उस खबर को लेकर सक्षम स्तर से पुष्टि अवश्य कर लें उसके उपरान्त ही खबर का प्रकाशन करें। साथ ही उन्होनें यह भी बताया गया कि वर्षा के कारण संचारी लोगों का प्रकोप बढ़ जाते हेैं ऐसी स्थिति में भ्रामक खबरों का प्रकाशन से समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जो कि समाज हित में नहीं है।
इस सम्बन्ध में मीडिया बन्धुओं से अपेक्षा है कि समाज में जागरूकता को बढायें कि मानव रक्त में प्लेटेट्स की कमी सिर्फ डेगू, मलेरिया ही नहीं अपितु बहुत सी अन्य बीमारियों से भी हो जाती है डेगू की पुष्टि एलाइजा टेस्ट के उपरान्त होती है। इस सम्बन्ध में सीएमओ डा. सन्तोष गुप्ता द्वारा समस्त अधीक्षकों को निर्देशित किया जा चुका है कि जिनके क्षेत्रों में बुखार के केस अधिक मिलें वह वहां पर कैम्प का आयोजन करें और किया भी जा रहा है कैम्प के माध्यम से दवाओं का वितरण किया जा रहा है एवं लक्षण के आधार पर जांचे की जा रही है रैपिड डायग्नोस्टिक किट में पाजिटिव आने के बाद एलाइजा टेस्ट कन्फर्मेशन हेतु जिला चिकित्सालय में स्थित लैब में भेजा जाता है।
क्या करें:- सप्ताह में एक दिन एण्टीमास्क्यूटो ड्राई डे हर रविवार मच्छर पर वार के रूप में मनायें। सभी पानी की टंकियों को ठीक से बन्द होने वाले ढक्कनों से ढकें, ताकि मच्छर न पनपने पायें, कूलर के पानी को प्रति सप्ताह हटाकर कूलर रगड़ कर साफ करें व पुनः पानी भरें, दरवाजा खिड़कियों और रोशनदानों में मच्छर रोधी जाली लगवायें। सभी अनुपयुक्त वस्तुएं जिनमें पानी भर सकता है, उनका निस्तारण करें। रेफ्रिजरेटर की निचली ट्रे में एकत्रित पानी भी डेंगू मच्छर के प्रजनन में सहायक होता है इसलिए इसे हर हफ्ते में एक बार खाली अवश्य करें। फूलदान, पौधों के बरतन, चिड़ियों हेतु या अन्य एकत्रित जल को प्रति सप्ताह बदलें। शरीर को मच्छर के काटने से बचाने हेतु पूरी बाह के शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने। मच्छर भगाने वाली कीम ऐरोसॉल, क्वाएल आदि का प्रयोग करें। मच्छरदानी का प्रयोग करें, डेंगू संक्रमणकाल में बुखार होने पर दिन में भी मच्छरदानी का प्रयोग करें। बुखार होने पर पैरासीटामॉल, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लें और आराम करें।
क्या न करें:- घर एवं घर के आस-पास अनावश्यक पानी का ठहराव न होने दें। टुटे-फूटे सामान, टायर, बर्तन, शीशी को खुलें में न रखें या फेंके। केवल प्लेटलेट्स की संख्या पर डेंगू रोग की पहचान पर निर्भर न करें। डेंगू रोग हेतु कोई विशेष औषधि नहीं है, स्वयं दवाई न ले बुखार होने पर चिकित्सक से सलाह लें। डेंगू के लक्षण दिखने पर किसी भी दर्द निवारक औषधि यथा एस्प्रिन आईसोब्रुफेन का प्रयोग कदापि न करें। अस्पताल में चिकित्सक की सलाह न होने पर भर्ती हेतु जबर्दस्ती न करें।
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