राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
जनपद पंचायत देवरी के अंतर्गत ग्राम पंचायत में पदस्थ पंचायत सचिवों का निलंबन और बहाली तमाशा बन गया है। ऐसे दर्जनों ग्राम पंचायत सचिव हैं जो मुख्यालय पर नहीं रहते हैं महीने में एक या दो दिन वह मुश्किल से पंचायत पहुंचते हैं, और जमकर अनियमितताएं कर रहे हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
वही पंचायत मुख्यालय पर रहकर ईमानदारी से पंचायत के कार्यों का संचालन कर रहे सचिवों पर निलंबन की गाज गिराई जा रही है। ताजा मामला ग्राम पंचायत बिजोरा से जुड़ा हुआ है। ग्राम पंचायत सचिव के निलंबन के बाद पंचायत के विकास कार्य ठप होने पर सरपंच ने भी अपने पद से इस्तीफा देने और भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी है। जहां पर पंचायत सचिव देवेंद्र सिंह राजपूत को जिला पंचायत सीईओ ने 24 अगस्त को निलंबन आदेश जारी कर दिया यह आदेश पंचायत सचिव को 21 दिन बाद यानी 13 सितंबर को उसे समय प्राप्त हुआ जब पंचायत सचिव सरपंच के साथ काम को लेकर जनपद पंचायत देवरी पहुंचा तो वहां उन्हें निलंबन का आदेश थमा दिया गया।
निलंबन का आदेश पाकर सचिन के पैरों से जमीन खिसक गई। क्योंकि निलंबन आदेश जनपद पंचायत सीईओ द्वारा 4 अगस्त को भेजें प्रतिवेदन के आधार पर निलंबित किया गया जिसमें यह आरोप लगाया गया कि पंचायत सचिव मुख्यालय पर नहीं रहते, पात्र हितग्राहियों को पेंशन का लाभ नहीं दिला पाते हैं। फोन बंद रखने एवं पदीय कर्तव्य के प्रति उदासीनता बरतने के कारण पंचायत अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है एवं जनपद पंचायत देवरी। निलंबन अवधि के दौरान पंचायत सचिव का प्रभार अनंतराम लोधी रोजगार सहायक को दिया गया। निलंबन आदेश के बाद पंचायत सचिव देवेंद्र सिंह राजपूत ने सरपंच निलेश चौबे के साथ जनपद पंचायत सीईओ मनीषा चतुर्वेदी से मुलाकात की और बताया कि वह नियमित रूप से पंचायत मुख्यालय पर रहते हैं और कोई भी हितग्राहियों के काम लंबित नहीं है। अपात्र हितग्राहियों को पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिस पर सीईओ ने दो दिन बाद मामले में चर्चा करने का आसवाशन दिया।
इस मामले में निलंबित सचिव देवेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि 21 दिन बाद उन्हें सीधा निलंबन का आदेश प्राप्त हुआ है इसके पहले कभी कोई नोटिस भी नहीं मिला है मेरी पंचायत में कोई गड़बड़ी नहीं है किसी भी हितग्राहियों द्वारा मेरी कोई शिकायत भी नहीं की गई कभी। जबकि पंचायत में पेंशन का कोई भी फॉर्म लंबित नहीं है अपात्र हितग्राहियों के फार्म पोर्टल में लोड नहीं होते हैं। एवं सरपंच के मकान पर वह नियमित रूप से रहता हूं। यहां तक की पंचायत में सीएम हेल्पलाइन भी नहीं है। अभी पंचायत की तुलना में पंचायत में सबसे अच्छी निर्माण कार्य हो रहे हैं। इसके बावजूद भी मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मुझे क्यों निलंबित किया गया है।
इस मामले में ग्राम पंचायत के सरपंच निलेश चौबे का कहना है कि हमारी पंचायत में सभी निर्माण कार्य अच्छे से चल रहे हैं तीनों गांव की पंचायत से कोई शिकायत नहीं है मेरे घर में रहते सचिव और बिना नोटिस दिए ही सचिन को निलंबित कर दिया जिससे पंचायत के काम ठप पड़े हैं सीईओ द्वारा 2 दिन रुकने का आश्वासन दिया गया है यदि दो दिन में निलंबन समाप्त नहीं हुआ तो जनपद पंचायत कार्यालय के सामने वह धरना देंगे, पद से इस्तीफा देंगे और भूख हड़ताल करेंगे।
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