संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:
जब हम समाज की भलाई के लिए काम करते हैं, तो उसका प्रतिफल समाज के प्रेम के रूप में वापस आता है। ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी के आलौकिक जन्मोत्सव के अवसर पर यह नजारा सिंध बिहार कॉलोनी के सामुदायिक भवन मेें देखने को मिला। साधकों ने जिस तरह अपनी भावनाओं का इजहार किया, वो अद्भुत था। किसी ने कविता की पंक्तियों से तो किसी ने सुंदर उपहार देकर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।
इस मौैके पर महिलाओं एवं युवतियों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर समारोह को उल्लासमयी बना दिया।
इस मौके पर बीके आदर्श दीदी ने कहा कि हम स्व उन्नति के साथ साथ जब समाज की उन्नति के लिए काम करते हैं, तो सबकी दुवाएं और स्नेह हमें मिलता है। साधकों को हमेशा यह याद रहता है कि उसका जीवन सिर्फ अपने लिए नहीं वल्कि उसके द्वारा किया जाने वाला हर कर्म दूसरों के लिए उदाहरण बन रहा है। तो वह हमेशा ही श्रेष्ठ से श्रेष्ठ कार्य करने का प्रयास करता है।
दीदी ने आगे कहा कि जीवन में हम कोई ऐसा कार्य न करें कि दूसरों पर उसका गलत प्रभाव पड़े। अपने जीवन में धैयर्ता, मधुरता, सहनशीलता, गुणग्राहकता, विनम्रता, क्षमाशीलता जैसे दिव्यगुण विकसित करेंगे तो जीवन से क्लेश और तनाव दूर हो जाएगा और जीवन खुशहाल बन जाएगा।
बीके प्रहलाद भाई ने आदर्श दीदी के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन जो सबके लिए जीते हैं, संसार उन्हें याद करता है। आदर्श दीदी ने अपना पूरा जीवन समाज की भलाई के लिए समर्पित किया है। साधनों से ऊपर उठकर उन्होंने साधना की है। उनके मार्गदर्शन से कई लोगों का जीवन बदल गया। महिला सशक्तिकरण की यदि बात करें तो ब्रह्माकुमारीज ही एक ऐसा संस्थान है जहाँ पचास हजार से अधिक बहनें विश्व कल्याण के लिए आजीवन समर्पित है। ग्वालियर में भी आदर्श दीदी ने हजारों लोगों के जीवन परिवर्तन के साथ 100 से भी अधिक ऐसी महिलाओं को सेवा का मौका दिया है जो अपने अपने घरों में रहती है। और घर परिवार के साथ साथ ब्रह्माकुमारीज की पाठशालाएं चला रही हैं। जहाँ से लोगों को आध्यात्म की शिक्षा मिल रही है।
दीदीजी के साथ सेवा करके कभी ऐसा नहीं लगा कि वे केंद्र की प्रमुख हैं। इतने बड़े पद पर होते हुए भी उन्होंने कभी अपने को बड़ा नहीं माना। उनका व्यवहार हर आम और खास के लिए एक समान हैं।
भाई ने इस मौके पर सभी साधकों से खुद को दिव्य गुणों से सुसज्जित करने एवं बुराई छोड़ने का संकल्प भी दिलाया।
बीके ज्योति बहन ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान कोई चमत्कार नहीं करता है, लेकिन यहां आकर जिस तरह लोगों के जीवन बदलते हैं वो किसी चमत्कार सेे कम नहीं हैं। इस अवसर पर व्यवसायी पीताम्बर लोकवानी, इंजी. बीके गुप्ता, राजेंद्र सिंह, बीके पवन, बीके विजेंद्र, मिथलेश तिवारी, धर्मेंद्र जोशी, दिनेश यादव, शीला सारड़ा, किरण सारड़ा, बीनू मकरानी, दीपा, आशिक पमनानी, जवाहर कुशवाह, संजय, नीलम मोतिरामनी सहित 500से भी अधिक लोग मौजूद थे।
हार कॉलोनी के सामुदायिक भवन मेें देखने को मिला। साधकों ने जिस तरह अपनी भावनाओं का इजहार किया, वो अद्भुत था। किसी ने कविता की पंक्तियों से तो किसी ने सुंदर उपहार देकर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।
इस मौैके पर महिलाओं एवं युवतियों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर समारोह को उल्लासमयी बना दिया।
इस मौके पर बीके आदर्श दीदी ने कहा कि हम स्व उन्नति के साथ साथ जब समाज की उन्नति के लिए काम करते हैं, तो सबकी दुवाएं और स्नेह हमें मिलता है। साधकों को हमेशा यह याद रहता है कि उसका जीवन सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि उसके द्वारा किया जाने वाला हर कर्म दूसरों के लिए उदाहरण बन रहा है। तो वह हमेशा ही श्रेष्ठ से श्रेष्ठ कार्य करने का प्रयास करता है।
दीदी ने आगे कहा कि जीवन में हम कोई ऐसा कार्य न करें कि दूसरों पर उसका गलत प्रभाव पड़े। अपने जीवन में धैयर्ता, मधुरता, सहनशीलता, गुणग्राहकता, विनम्रता, क्षमाशीलता जैसे दिव्यगुण विकसित करेंगे तो जीवन से क्लेश और तनाव दूर हो जाएगा और जीवन खुशहाल बन जाएगा।
बीके प्रहलाद भाई ने आदर्श दीदी के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन जो सबके लिए जीते हैं, संसार उन्हें याद करता है। आदर्श दीदी ने अपना पूरा जीवन समाज की भलाई के लिए समर्पित किया है। साधनों से ऊपर उठकर उन्होंने साधना की है। उनके मार्गदर्शन से कई लोगों का जीवन बदल गया। महिला सशक्तिकरण की यदि बात करें तो ब्रह्माकुमारीज ही एक ऐसा संस्थान है जहाँ पचास हजार से अधिक बहनें विश्व कल्याण के लिए आजीवन समर्पित है। ग्वालियर में भी आदर्श दीदी ने हजारों लोगों के जीवन परिवर्तन के साथ 100 से भी अधिक ऐसी महिलाओं को सेवा का मौका दिया है जो अपने अपने घरों में रहती है। और घर परिवार के साथ साथ ब्रह्माकुमारीज की पाठशालाएं चला रही हैं। जहाँ से लोगो को आध्यात्म की शिक्षा मिल रही है।
दीदीजी के साथ सेवा करके कभी ऐसा नहीं लगा कि वे केंद्र की प्रमुख हैं। इतने बड़े पद पर होते हुए भी उन्होंने कभी अपने को बड़ा नहीं माना। उनका व्यवहार हर आम और खास के लिए एक समान हैं।
भाई ने इस मौके पर सभी साधकों से खुद को दिव्य गुणों से सुसज्जित करने एवं बुराई छोड़ने का संकल्प भी दिलाया।
बीके ज्योति बहन ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान कोई चमत्कार नहीं करता है, लेकिन यहां आकर जिस तरह लोगों के जीवन बदलते हैं वो किसी चमत्कार सेे कम नहीं हैं।
इस अवसर पर व्यवसायी पीताम्बर लोकवानी, इंजी. बीके गुप्ता, राजेंद्र सिंह, बीके पवन, बीके विजेंद्र, मिथलेश तिवारी, धर्मेंद्र जोशी, दिनेश यादव, शीला सारड़ा, किरण सारड़ा, बीनू मकरानी, दीपा, आशिक पमनानी, जवाहर कुशवाह, संजय, नीलम मोतिरामनी सहित 500से भी अधिक लोग मौजूद थे।
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