वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के कार्यरत 9 संविदा शिक्षकों एवं शिक्षणेत्र कर्मचारी की संविदा समाप्त किए जाने की नोटिस दिए जाने का जनजाति विकास विभाग के संविदा शिक्षकों द्वारा लगातार विरोध हो रहा है। शिक्षकों ने 5 सितंबर से विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर काम करना शुरू किया है। इसमें लखीमपुर जनपद भी शामिल है।
इसे लेकर लखीमपुर इकाई के मंत्री सहदेव सचिन ने बताया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने लखनऊ में इसे लेकर अधिकारियों को अवगत कराया है कि प्रदेश के सभी 93 आश्रम पद्धति विद्यालयों के शिक्षक जनजाति विकास विभाग के अधिकारियों के तानाशाही रवैया का विरोध कर रहे हैं। इस वर्ष 9 शिक्षकों एवं एक फार्मासिस्ट को विभाग द्वारा संविदा से हटाने की नोटिस दी गई है, जबकि पिछले वर्ष तीन शिक्षक हटाए जा चुके हैं। शिक्षकों को हटाए जाने का आधार कम परीक्षा परिणाम बताया जा रहा है, जबकि शासन द्वारा ऐसी कोई व्यवस्था नहीं दी गई है जिसके अंतर्गत 60 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम होने पर संविदा शिक्षकों की संविदा समाप्त कर दी जाए।
यह सब जनजाति विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के उत्पीड़न के उद्देश से जानबूझकर किया जा रहा है। हटाए गए शिक्षक विगत 15 वर्षों से 90 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक परीक्षा परिणाम दे रहे हैं। तीन वर्षों में केवल एक छात्र के फेल होने का आधार बनाकर संविदा से हटाए जाने का निर्णय लिया गया है जो कि विभाग की तानाशाही को दर्शाता है। विरोध के चौथे दिन आज प्रदेश के जनजाति विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग के विंध्याचल, चित्रकूट, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, मुरादाबाद, बरेली सहित सभी मंडलों के आश्रम पद्धति विद्यालयों के शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर कार्य किया एवं उसकी फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
जनजाति विकास विभाग के संविदा शिक्षकों को हटाए जाने के विरोध में संविदा शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अपना पूर्ण समर्थन प्रदान किया है। समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के संविदा शिक्षक काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे हैं। यह कार्यक्रम 24 सितंबर तक चलेगा। 25 सितंबर को समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के सभी संविदा शिक्षक एवं शिक्षणेत्र कर्मचारी भागीदारी भवन पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर समाज कल्याण मंत्री को ज्ञापन देंगे।
संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने अवगत कराया है कि यदि 25 सितंबर तक हटाए जा रहे संविदा कर्मियों की नोटिस को वापस नहीं लिया गया तो राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के सभी घटक मिलकर प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन भी करेंगे। उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव कार्मिक को वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के संविदा कर्मियों के उत्पीड़न का संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। संयुक्त परिषद ने इस संबंध में समाज कल्याण मंत्री एवं प्रमुख सचिव समाज कल्याण को भी पत्र लिखकर उत्पीड़न की कार्रवाई समाप्त करने को कहा है। संयुक्त परिषद विरोध प्रदर्शन कर रहे जनजाति विकास विभाग के कर्मचारियों के समर्थन में पूरी तरह से खड़ी है।
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