वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
मलेरिया, डेंगू सहित अन्य संचारी रोगों का संचरण काल इन दिनों चल रहा है। ऐसे में आम जनमानस को संचारी रोगों से बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाइजरी ज़ारी की गई है। सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने बताया कि बरसात के मौसम के कारण वर्तमान समय में डेंगू व मलेरिया सहित तमाम संचारी रोग तेज़ी से फैल रहे हैं। ऐसे में विभाग द्वारा उपचार की समस्त तैयारी पहले से ही हैं, दवाओं की उपलब्धता भी पूरी तरह से है, परंतु आम जनमानस को इससे बचने के लिए स्वयं कुछ सावधानियां रखने की जरूरत है। जिससे संचारी रोगों को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी। छोटी-छोटी सावधानियां अपना कर आप डेंगू, मलेरिया सहित संचारी रोगों से बच सकते हैं। जनपद में अब तक डेंगू ऐलाइजा की जांच में नौ रोगियों में डेंगू की पुष्टि हुई है जिसके सापेक्ष समस्त निरोधात्मक कार्रवाई की गई है रिपोर्ट के अनुसार जनपद में अब तक मलेरिया के 78 मरीज़ पाए गए हैं जिसमें समस्त की रेडिकल ट्रीटमेंट किया गया है। किसी को भी घबराने की आवश्यकता नहीं है। प्लेटलेट्स का कम होना किसी भी बुखार में संभव है। प्लेटलेट्स का गिरना कम होना इस बात का प्रमाण नहीं है कि व्यक्ति को डेंगू है।
क्या करें:- सप्ताह में एक दिन एण्टीमास्क्यूटो ड्राई डे “हर रविवार मच्छर पर वार” के रूप में मनायें। सभी पानी की टंकियों को ठीक से बन्द होने वाले ढक्कनों से ढकें, ताकि मच्छर न पनपने पायें, कूलर के पानी को प्रति सप्ताह हटाकर कूलर रगड़ कर साफ करें व पुनः पानी भरें, दरवाज़ा खिड़कियों और रोशनदानों में मच्छर रोधी जाली लगवायें। सभी अनुपयुक्त वस्तुएं जिनमें पानी भर सकता है, उनका निस्तारण करें। रेफ्रिजरेटर की निचली ट्रे में एकत्रित पानी भी डेंगू मच्छर (एड्रेस) के प्रजनन में सहायक होता है इसलिए इसे हर हफ्ते में एक बार खाली अवश्य करें। फूलदान, पौधों के बरतन, चिड़ियों हेतु या अन्य एकत्रित जल को प्रति सप्ताह बदलें। शरीर को मच्छर के काटने से बचाने हेतु पूरी बाह के शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने। मच्छर भगाने वाली क्रीम ऐरोसॉल, क्वाएल आदि का प्रयोग करें। मच्छरदानी का प्रयोग करें, डेंगू संक्रमणकाल में बुखार होने पर दिन में भी मच्छरदानी का प्रयोग करें। बुखार होने पर पैरासीटामॉल, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लें और आराम करें।
क्या न करें:- घर एवं घर के आस-पास अनावश्यक पानी का ठहराव न होने दें। टुटे-फूटे सामान, टायर, बर्तन, शीशी को खुले में न रखें या फेंके। केवल प्लेटलेट्स की संख्या पर डेंगू रोग की पहचान पर निर्भर न करें। डेंगू रोग हेतु कोई विशेष औषधि नहीं है, स्वयं दवाई न ले बुखार होने पर चिकित्सक से सलाह लें। डेंगू के लक्षण दिखने पर किसी भी दर्द निवारक औषधि यथा एस्प्रिन / आईसोब्रुफेन का प्रयोग कदापि न करें। अस्पताल में चिकित्सक की सलाह न होने पर भर्ती हेतु जबर्दस्ती न करें।
साथ ही सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने यह भी बताया कि विभाग द्वारा इस संबंध में क्या क्या कार्यवाही की जा रही हैं उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में एण्टीलार्वा छिड़काव एवं प्रचार- प्रसार का कार्य कराया जा रहा है। मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में डीडीटी 50 प्रतिशत प्रथम चक्र का छिड़काव कार्य पूर्ण हो चुका है एवं द्वितीय चक निरंतारित है। विभाग द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में एण्टोमोलॉजिकल सर्विलान्स का कार्य आशा कार्यकत्री एवं डीबीसी वर्करों द्वारा कराया जा रहा है। मलेरिया डेंगू एवं अन्य संचारी रोगियों की सूचना प्राप्त होने पर क्षेत्रीय मलेरिया फाइलेरिया निरीक्षक के नेतृत्व में जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय द्वारा गठित क्विक रिस्पांस टीम द्वारा रोगी के घर एवं आस पास के 50 घरों सदस्यों की जाँच एवं समस्त निरोधात्मक कार्यवाही करायी जाती है। कीट संग्रहकर्ता द्वारा लार्वा का संग्रह एवं पहचान की जाती है। रोगी के घर के आस पास समस्त क्षेत्रों में जल भराव वाले क्षेत्रों एवं घरों में एण्टीलार्वा स्प्रे कराया जाता है। प्राप्त रोगी की सूचना क्षेत्रीय नगर पालिका, नगर पंचायत जिला पंचायत राज अधिकारी को भी उपलब्ध कराते हुए सूचित किया जाता है कि उनके स्तर से भी उक्त क्षेत्रों में नालियों की साफ-सफाई, साफ-सफाई, झाड़ियों की कटाई एवं फागिंग कार्य कराया जाए। डेंगू रोगियों के उपचार हेतु जनपदीय चिकित्सालयों में 10 मच्छरदानी युक्त बेड एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर 05 मच्छरदानी युक्त आरक्षित है। 9 जनपद के 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर इन्सेफ्लाइटिस ट्रीटमेन्ट सेन्टर स्थापित कर गम्भीर बुखार रोगियों का उपचार किया जा रहा है।
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