आसिम खान, ब्यूरो चीफ, छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
म.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार परस्पर समझौते के आधार पर आम जन को त्वरित एवं सुलभ न्याय दिये जाने के उद्देश्य से जिला न्यायालय छिंदवाड़ा तथा तहसील न्यायालय परासिया, चौरई, पांढुर्णा, सौंसर, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, हर्रई, तामिया में प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री जितेन्द्र कुमार शर्मा के कुशल नेतृत्व में नेशनल लोक अदालत संपन्न हुई। इस लोक अदालत में 909 प्रकरणों का निराकरण हुआ और 6.50 करोड़ रूपये से अधिक के अवॉर्ड पारित किये गये।
जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमति सविता ओगले ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना के 51 प्रकरणों में 2 करोड़ 31 लाख 31 हजार 39 रूपये और चेक वाउन्स के 135 प्रकरणों में 2 करोड़ 13 लाख 76 हजार 241 रूपये के अवार्ड पारित किये गये तथा राजीनामा योग्य दांडिक 188 प्रकरणों सहित न्यायालयों में लंबित कुल 539 प्रकरणों में दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर राजीनामा किया जाकर अंतिम निराकरण किया गया। इसी प्रकार बैंकों, नगरपालिका, विद्युत विभाग के प्री-लिटिगेशन के 371 प्रकरणों में 71 लाख 26 हजार 612 रूपये की राशि की वसूली की गई जिसमें विभागों द्वारा आकर्षक छूट का लाभ पक्षकारों को प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री शर्मा ने जिला न्यायालय छिन्दवाड़ा में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया।
शुभारंभ कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय श्री सुशील कुमार, विशेष न्यायाधीश श्री संजय कस्तवार, जिला न्यायाधीश श्री एच.पी. बंशकार, श्रीमती कुमुदिनी पटेल, श्री वरूण पुनासे, जिला न्यायाधीश/सचिव श्रीमती ओगले, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री शिवमोहर सिंह व जिला रजिस्ट्रार श्री मेहताब सिंह बघेल सहित जिला न्यायालय के सभी न्यायाधीशगण, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ श्री सत्येन्द्र सिंह वर्मा, उप संचालक अभियोजन श्री गोपाल हलदार, कार्यपालन अभियंता एम.पी.ई.बी. श्री खुशियाल शिववंशी, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री विजय कुमार खोब्रागडे, अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारीगण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण व पैरालीगल वॉलेंटियर्स उपस्थित थे।
जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमति ओगले ने बताया कि न्यायालयों में लंबित दाण्डिक, सिविल, मोटर दुर्घटना, कुटुम्ब न्यायालय चैक बाउंस लंबित विद्युत के प्रकरणों के साथ-साथ बैंक, दूरसंचार, विद्युत एवं नगर पालिका के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों को रखा गया था जिनके निराकरण के लिये जिले में 32 खण्डपीठों का गठन किया गया था और प्रत्येक खण्डपीठ में पीठासीन अधिकारी के अतिरिक्त एक सुलहकर्ता सदस्य की नियुक्ति की गई थी ।
उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत के आयोजन के पूर्व प्रधान जिला न्यायाधीश के निर्देशानुसार न्यायालय में लंबित प्रकरणों के सूचना पत्र पक्षकारों को नियत समय पूर्व तामीली के संबंध में पुलिस अधिकारियों से बैठक की जाकर पक्षकारों की उपस्थिति लोक अदालत में सुनिश्चित की गई थी। साथ ही मोटर दुर्घटना, चैक बाउंस के प्रकरणों में प्री-सिटिंग आयोजित कर प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से किये जाने के प्रयास किये गये। यह नेशनल लोक अदालत सभी न्यायाधीशों एवं सभी अभिभाषकों, जिला व पुलिस प्रशासन, पत्रकारों, न्यायालय और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समस्त स्टॉफ के सहयोग से सम्पन्न हुई। जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री खोब्रागडे ने नेशनल लोक अदालत में सहयोग के लिये सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
नेशनल लोक अदालत में राजीनामा करने वाले पक्षकारों को किया पौधा वितरण- नेशनल लोक अदालत में ऐसे पक्षकार जिन्होंने अपने प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से किया, उन सभी पक्षकारों को वन विभाग के सहयोग से निःशुल्क पौधों का वितरण किया जाकर उन्हें बताया गया कि उन पौधों का रोपण किये जाने के उपरांत उसकी देखभाल नन्हें बच्चे की तरह करें, क्योंकि पौधे रोपण से न सिर्फ वातावरण स्वच्छ होगा, प्राणरूपी ऑक्सीजन भी सभी को निःशुल्क उपलब्ध होगी।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.