11 राज्यों के चित्रकारों के हाथों से बने श्रीकृष्ण के सुंदर चित्र देखने उमड़े लोग। ब्रज के विकास में उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद अपनी अहम भूमिका निभा रहा: शैलजाकांत मिश्रा | New India Times

अली अब्बास, ब्यूरो चीफ, मथुरा (यूपी), NIT:

11 राज्यों के चित्रकारों के हाथों से बने श्रीकृष्ण के सुंदर चित्र देखने उमड़े लोग। ब्रज के विकास में उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद अपनी अहम भूमिका निभा रहा: शैलजाकांत मिश्रा | New India Times

उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद, मथुरा द्वारा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव- 2023 के अंतर्गत लगाए गये राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर में कैनवास पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के मनमोहक चित्र उकेरे गये। अंतिम दिन इन चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गयी। उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद, मथुरा के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने चित्रों का अवलोकन कर लीलाओं के चित्रों को सराहा।

परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने कहा कि ब्रज के विकास में उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। कृष्ण का चित्रांकन भी परिषद का अहम कार्य है।
राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर के समन्वयक और राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर के उप निदेशक डा.यशवंत सिंह राठौर ने बताया कि उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के आमंत्रण पर 11 राज्यों से आये चित्रकारों ने कैनवास पर लीलाओं के सुदर चित्र बनाए।

उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा उमेश चंद्र शर्मा ने उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र को और उनकी धर्मपत्नी को गीता शोध संस्थान की शोध समन्वयक डा रश्मि वर्मा ने अंग वस्त्र प्रदान कर स्वागत किया।
कार्यक्रम में परिषद उपाध्यक्ष शैलजाकांत जी, मंचस्थ डिप्टी सीईओ जेपी पांडेय व परिषद के तकनीकी सलाहकार आर के जैसवाल ने संयुक्त रूप से सभी चित्रकारों को प्रमाण पत्र, गीता की प्रति और गीता शोध संस्थान के प्रकाशन ब्रज “ब्रज लोक संपदा” पत्रिका की प्रति भेंट की।

गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी वृंदावन के को-ऑर्डिनेटर चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने संचालन करते हुए संस्थान की प्रगति से अवगत कराया।
शिविर के समापन समारोह में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सहायक अभियंता आर पी सिंह यादव व श्री दूधनाथ सिंह और आंकिक आरके गोयल, गीता शोध संस्थान के कार्यालय सहायक दीपक शर्मा, रामेश्वर के अलावा मथुरा के अन्य चित्रकार आदि उपस्थित रहे।
चित्रांकन शिविर में आशा (वाराणसी) ने बाल कृष्ण द्वारा चंद्रयान से चांद मांगने, शोभा आनंद पटना द्वारा कृष्ण के कोमल मन पर, प्रिया सिंह प्रयागराज द्वारा माखन चोरी, मंजीत कौर दिल्ली द्वारा कागड़ा शैली में कृष्ण की लीलाओं के चित्र बनाए।

अन्य चित्रकार नवीन रमणीक लाल सोनी (भुज) गुजरात, संजीव शर्मा जयपुर, नवल किशोर गाजियाबाद, मनोज कुमार सकले मुंबई, विजय जाधव सांगली महाराष्ट्र, डा प्रिंसराज मेरठ, विनोद कुमार कंबल नई दिल्ली, विनोद सिंह बाराबंकी, श्रीनिवास तेलंगाना, अहो विलंब प्रभाकर हैदराबाद, कुदाल्या हैरमठ पुणे, भारती परमार मथुरा, शाइमा मथुरा, प्रिया सिंह प्रयागराज, सोमा आनंद झा पटना, नेहा लखनऊ, मंजीत कौर चंडीगढ़, कुसुम पांडेय हल्द्वानी, ऋचा सिंह कानपुर, डा कुमुद बाला कानपुर, शिवानी सोनी देवास, अजंली प्रभाकर भोपाल, रंजना शर्मा कोटा, डा वंदना जोशी राजसमंद राजस्थान, आशा वाराणसी व डाॅ. सुनीता वर्मा (भिलाई) छत्तीसगढ़ ने प्रतिभाग किया।


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