फराज अंसारी, बहराइच ( यूपी ), NIT; 18 अगस्त 2016 की प्रातः 5 बजे मोहम्मद इरशाद रोजाना की तरह प्रातःभ्रमण पर निकले थे। अपने छोटे व्यापार चाय की दूकान से अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले इरशाद अपनी दुकान से चंद कदमों की दूरी पर पहुंचे ही थे कि हथियार बन्द बदमाशों ने धारदार हथियार से उन पर तब तक हमला किया जबतक वह जमीन पर गिर नहीँ गये। पुलिस ने आनन-फानन में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया। इसी के बाद से अपनी चर्चित कार्यशैली के लिए मशहूर बहराइच पुलिस ने इरशाद के परिजनों को दौड़ाना शुरू कर दिया। जिले के आला हाकिम तक अपनी गुहार लगाकर हार चुके उनके परिजन घर बैठने को मजबूर हो गए। नतीजा अज्ञात बदमाश आज भी पुलिस के चंगुल से मुक्त ऐशो आराम की जिन्दगी जी रहे हैं। अब कुछ बचा है तो इरशाद के परिजनों के दिल में इरशाद की निर्मम हत्या के दर्द की टीन्स जो आज भी उनके परिजनों के ह्रदय में उठती है।
इरशाद की हत्या हुए एक वर्ष पूरे हो गए पर अब भी नही इरशाद के परिजनों को इन्साफ नहीं मिला है। आज तक इरशाद के क़ातिल पकड़े नहीं गये हैं। योगी सरकार में इरशाद के परिजनों ने इन्साफ की उम्मीद जताई है।
अब देखना यह है कि बहराइच पुलिस इरशाद के क़ातिलों को कब तक ढूंढ निकालती है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.