पवन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:
पुलिस अधीक्षक ग्वालियर राजेश सिंह चंदेल, भापुसे के निर्देश पर ग्वालियर पुलिस द्वारा जिले के समस्त थाना क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में बेटी की पेटी लगवाई गई है। ग्वालियर पुलिस स्कूली बच्चों में सुरक्षा का भाव जगाने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है। दिनांक 26.08.2023 को थाना घाटीगांव क्षेत्र में स्थित एक स्कूल में लगी ‘‘बेटी की पेटी’’ में शिकायत मिलते ही पुलिस ने कार्यवाही करने में देरी नहीं की और स्कूली छात्रा को परेशान करने वाले बस कंडक्टर पर पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही उन लोगों के लिए सबक है जो यह मानकर छात्राओं को परेशान करते रहते हैं कि बेटी की पेटी तो सिर्फ दिखाने के लिए लगाई गई है। ग्वालियर के शहरी क्षेत्र में बेटी की पेटी में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है पहली बार बेटी की पेटी में शिकायत डालने की हिम्मत गांव की बेटी ने दिखाई। इस बेटी को साहस देते हुए अति. पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री निरंजन शर्मा के मार्गदर्शन में एसडीओपी घाटीगांव श्री संतोष कुमार पटेल द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए थाना प्रभारी घाटीगांव श्री शैलेंद्र गुर्जर व थाना बल के घाटीगांव बस स्टैंड पहुंचकर नरवर से ग्वालियर चलने वाली शीतला बस के कंडक्टर के खिलाफ कार्यवाही की गई जो स्कूली छात्रा को परेशान कर रहा था। इसके बाद बस कंडक्टर ने सभी के सामने माफी मांगी और दोबारा कभी किसी को परेशान न करने की कसम खाई।
शिकायत का विवरण:- ग्वालियर जिले के थाना घाटीगांव क्षेत्र के एक स्कूल में पढ़ने वाली स्कूली छात्रा ने शिकायत की थी कि एक बस कंडक्टर उसको बस में आते समय परेशान करता है। गांव से घाटीगांव स्थित स्कूल जाने के लिए बस ही एक सहारा है और बस कंडक्टर की हरकतें उसका जीना हराम किए हुए हैं। जितनी भी देर वह बस में रहती है कंडक्टर उसे घूरता रहता है। इससे उसे काफी डर लगता है। स्कूल में लगी बेटी की पेटी को शनिवार को जब खोला गया तो उसमें यह शिकायत निकली। शनिवार को स्कूली छात्रा ने विधिक जागरूकता शिविर के दौरान पुलिस और जज महोदयों से सवाल पूछा और बताया कि एक आवेदन बेटी की पेटी जो स्कूल में लगी थी उसमें डाला। चूंकि छात्रा पुलिस थाने में रिपोर्ट नहीं करवाना चाहती थी, इसलिए पुलिस ने अपने स्तर पर बस कंडक्टर के खिलाफ़ कार्यवाही की।
बस कंडक्टर का निकाला जलूस:- शिकायत करने वाली स्कूली छात्रा ने अपनी शिकायत में सब लिखा था कि वह किस गांव से बस में सवार होती है और कहां पर उतरती है, किस बस में सफर करती है और कंडक्टर की डिटेल भी इसमें लिखी थी। उसके बाद पुलिस ने शीतला बस सर्विस की बस को रोका और बस कंडक्टर को बस से नीचे उतारा, जब उससे छात्रा द्वारा की गई शिकायत के संबंध में पूछताछ की गई तो वह माफी मांगने लगा। पुलिस को जब कंफर्म हो गया कि इसी बस में सवार स्कूली छात्रा को बस कंडक्टर परेशान करता था तो उसका जुलूस निकाला, जुलूस में सपेरा बीन बजा रहा था। कंडक्टर कान पकड़े हुए चल रहा था। उसे अहसास हो गया था कि उसकी बुरी नज़र का ही उसे यह फल मिल रहा है। इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ 151 के तहत कार्रवाई की और उसे कोर्ट के आदेश पर जेल रवाना कर दिया गया। जुलूस के दौरान बस कंडक्टर कान पकड़े हुए कह रहा है कि आगे से वह ऐसी गलती नहीं करेगा और यदि उसने फिर कभी ऐसा किया तो उसे जूतों से पीटा जाए, जूतों की माला पहनाई जाए। स्कूली छात्रा ने बस कंडक्टर पर एफआईआर दर्ज करवाने से इनकार कर दिया है।
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