तीन तलाक को "तलाक ए बिद्अत" करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने किया निरस्त, प्रधानमंत्री ने आदेश का किया स्वागत | New India Times

Edited by Sabir Khan; 

संदीप शुक्ला, नई दिल्ली, NIT;  ​तीन तलाक को "तलाक ए बिद्अत" करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने किया निरस्त, प्रधानमंत्री ने आदेश का किया स्वागत | New India Timesसुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों में एक साथ तलाक की प्रथा को “तलाक ए बिद्अत” करार देते हुए अमान्य, अवैध और असंवैधानिक करार दिया है। पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 3:2 के मत से ये फैसला सुनाया। फैसले में तीन तलाक को कुरान के मूल तत्व के खिलाफ बताया गया है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जे एस खेहर और जस्टिस एस अब्दुल नजीर इस पक्ष में थे कि तीन तलाक की प्रथा पर छह महीने के लिए रोक लगाकर सरकार को इस संबंध में नया कानून लाना चाहिए। अल्पमत वाले इस फैसले में दोनों जजों ने ये भी कहा कि अगर केंद्र सरकार 6 महीने के अंदर कानून लेकर नहीं आती तो तीन तलाक पर उसका आदेश जारी रहेगा यानी रोक जारी रहेगी।वहीं दूसरी तरफ पीठ के बाकी तीन सदस्य जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस आर एफ नरीमन और जस्टिस यू यू ललित ने इस प्रथा को संविधान का उल्लंघन करार दिया। बहुमत वाले इस फैसले में कहा गया कि तीन तलाक समेत हर वो प्रथा अस्वीकार्य है, जो कुरान के मूल तत्व के खिलाफ है। अपने फैसले में इन तीनों जजों ने यह भी कहा कि तीन तलाक के जरिए तलाक देने की प्रथा स्पष्ट तौर पर स्वेच्छाचारी है। यह संविधान का उल्लंघन है और इसे हटाया जाना चाहिए।​
तीन तलाक को "तलाक ए बिद्अत" करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने किया निरस्त, प्रधानमंत्री ने आदेश का किया स्वागत | New India Timesप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक साथ लगातार तीन बार तलाक बोलने की प्रथा पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए आज कहा कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण और मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार प्रदान करने की दिशा में अहम कदम है।

उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, “माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है। यह मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार प्रदान करने और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में सशक्त कदम है।”

इससे पहले स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा था , ‘मैं उन महिलाओं के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करता हूं जिन्हें तीन तलाक के कारण दुखद जीवन जीना पड़ रहा है।  उन महिलाओं ने इसके खिलाफ एक आंदोलन चलाया जिसने इस प्रथा के खिलाफ पूरे देश में एक माहौल तैयार कर दिया।”  प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके अधिकार दिलाने के लिए पूरा देश इन प्रयासों में उनके साथ है ।​तीन तलाक को "तलाक ए बिद्अत" करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने किया निरस्त, प्रधानमंत्री ने आदेश का किया स्वागत | New India Timesउल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने बहुमत के निर्णय में मुस्लिम समाज में एक बार में तीन बार तलाक देने की प्रथा को निरस्त करते हुये आज अपनी व्यवस्था में इसे असंवैधानिक, गैरकानूनी और शून्य करार दिया। न्यायालय ने कहा कि तीन तलाक की यह प्रथा कुरान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है।

प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने 365 पेज के फैसले में कहा, ‘‘3:2 के बहुमत से दर्ज की गयी अलग अलग राय के मद्देनजर ‘‘तलाक-ए-बिद्दत’’ तीन तलाक को निरस्त किया जाता है।’’


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading