- भिवंडी कोर्ट की नई बिल्डिग निर्माण की सरकार से मिली मंजूरी
भिवंडी कोर्ट कीईनई बिल्डिंग के निर्माण के लिए सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान कर दी गयी है 38 करोड़ 15 लाख 70 हजार की निधि से 2 वर्षों में पीडब्ल्यूडी तल सहित 3 मंजिला इमारत का निर्माण कार्य करेगी।भिवंडी कोर्ट के बार कौंसिल प्रेसीडेंट शिरीषचएच बोरकर ने NIT संवाददाता को बताया कि सरकार ने भिवंडी कोर्ट के नये बिल्डिंग निर्माण की मंजूरी दे दी है। कोर्ट की नई इमारत की मंजूरी पर भिवंडी बार कौंसिल के वाइस प्रेसीडेंट मिलिंद पाटिल, सेक्रेटरी दिनेश पाटिल, सीनियर एड.नाना अय्यर, एड.हर्शल पाटिल, पराग लाड, युवराज पाटिल, पंकज मंगेला, अब्दुल बाकी अंसारी आदि अधिवक्ताओं नें हर्ष प्रकट करते हुए सरकार का आभार प्रकट किया है। गौरतलब हो कि, भिवंडी दीवानी कोर्ट की नई ईमारत के निर्माण हेतु 38 करोड़ 15 लाख 70 हजार की निधि सरकार द्वारा मंजूर की गयी है। इमारत का निर्माण पीडब्ल्यूडी को सौंपते हुए 2 वर्षों में पूरी किये जाने का आदेश दिया गया है। कोर्ट परिसर में स्थित उक्त जगह पर वर्तमान में 2 जजों की अदालत एवं भिवंडी बार कौंसिल कार्यालय चल रहे हैं, जिन्हें करीब 3 माह में पूर्णतया जमींदोज कर नई इमारत निर्माण हेतु साफ़ कर किया जायेगा। 74 हजार स्क्वायर फिट के क्षेत्र में निर्मित होने जा रही कोर्ट इमारत ग्राउंड सहित 3 मंजिला होगी, जिसमें 8 जजों की अदालतें होंगी। नई इमारत के निर्माण के बाद कोर्ट परिसर में कुल 16 अदालतें कार्य कर सकेंगी। उक्त जानकारी देते हुए भिवंडी बार कौंसिल के प्रेसीडेंट शिरीष बोरकर नें बताया कि, भिवंडी दीवानी कोर्ट में भिवंडी तालुका स्थित 104 गांवों के हजारों गरीब व जरूरतमंद लोगों को कानूनी मदद मिलती है। भिवंडी दीवानी कोर्ट में 400 अधिवक्ता हैं जिसमें करीब 30 महिला अधिवक्ता हैं।बता दें कि, भिवंडी एसटी डीपो से अल्प दूरी पर स्थित शहर के प्रमुख मार्ग पर भिवंडी कोर्ट से प्रसिद्ध उक्त इमारत का निर्माण सन 1858 में हुआ था। पहले उक्त इमारत में अंग्रेजों के कार्यालय, अस्पताल एवं अस्तबल हुआ करते थे। तत्पश्चात 1937 में उक्त इमारत में ही भिवंडी कोर्ट का शुभारंभ हुआ था। कोर्ट परिसर मेंलतल सहित 3 मंजिला की नई इमारत निर्माण से वर्षों से प्रलंबित सेशन कोर्ट निर्माण का रास्ता भविष्य में साफ़ होने की उम्मीद भिवंडीकरों को हो गयी है जिससे भिवंडी सहित तालुका के 104 गांवों के रहिवासियों को कोर्ट के कामकाज हेतु ठाणे सेशन कोर्ट की भागदौड से आसानी से निजात मिल सकेगी।
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