अकोला जिला में प्रशासन की अनदेखी से धडल्ले से बिक रहा है प्रतिबंध गुटखा व पान मसाला | New India Times

ओवैस सिद्दीकी, अकोला (महाराष्ट्र), NIT; ​अकोला जिला में प्रशासन की अनदेखी से धडल्ले से बिक रहा है प्रतिबंध गुटखा व पान मसाला | New India Timesस्थानिय अन्न औषध प्रशासन की अनदेखी से अकोला शहर तथा जिले के तहसील क्षेत्रों में प्रतिबंध तंबाखू गुटखा बिक्री जोरों पर है। ​

अकोला जिला में प्रशासन की अनदेखी से धडल्ले से बिक रहा है प्रतिबंध गुटखा व पान मसाला | New India Timesजानकारी के अनुसार जर्दा पाउच व गुटखा की बिक्री पर प्रतिबंध के बावजूद गांव -शहर सभी जगहों में पान ठेलों, किराना दुकानों सहित अन्य दुकानों में इनकी खुलेआम बिक्री जारी है।भंडारण से लेकर बिक्री तक का खेल खुलेआम प्रशासन की आंखों के सामने किया जा रहा है।दूसरी ओर पुलिस प्रशासन द्वारा समय समय पर पान मसाला जर्दा के गैरकानूनी कारोबार पर दबिश देकर कारवाई की जा रही है, लेकिन वही फ़ूड अन्न औषध प्रशासन हाथ पर हाथ रखे बैठा है जिसकी वजह से नौजवान तथा कम उम्र बच्चे इसके सेवन का शिकार हो रहे हैं। नागरिकों में चर्चा है कि जर्दा यूक्त पान मसाला कारोबारियों पर कारवाई नही करने के एवेज में फ़ूड विभाग के कुछ भ्र्ष्ट अधिकारियों को लाखों रुपये का हफ़्ता दिया जा रहा है।​अकोला जिला में प्रशासन की अनदेखी से धडल्ले से बिक रहा है प्रतिबंध गुटखा व पान मसाला | New India Timesशहर से लेकर गांवों तक जगह-जगह इसकी दुकानें सजी हुई हैं। तीन साल पहले प्रतिबंध का असर अब कहीं नहीं दिख रहा है। स्थिति ऐसी है कि चौक-चौराहों पर किसी भी पान ठेले या दुकान पर गुटखा आसानी से मिल जाएगा। प्रशासनिक उदासीनता का अालम यह है कि दुकानदार अब जर्दा वाले प्रतिबंधित गुटखे को सामने ही टांगकर रखते हैं, जिसके कारण गुटखे का धीमा जहर युवाओं के साथ हर वर्ग के लोगों को अपनी चपेट में ले रखा है। जिम्मेदार विभाग के अफसर शिकायत मिलने के इंतजार में बैठे हैं। शासकीय फरमान का पालन करते हुए दिखावे के लिए कभी कभार जांच और निरीक्षण किया जाता है। उसमें भी दो चार प्रकरण बनाकर महज खानापूर्ति की जा रही है। इस वजह से ग्रामीण अंचल में तकरीबन हर दुकान में गुटखा बेखौफ बेचा जा रहा है। प्रतिबंध के बाद तंबाकूयुक्त गुटखे की बिक्री तो अब तक नहीं रुकी है, बल्कि इनके दाम दो से तीन गुना बढ़ जरूर गए हैं, जिससे गुटका पाउच के थोक विक्रेताओं की चांदी हो गई है। चिल्लर दुकानदारों और पान ठेलों मे पहुंचने तक इसके दाम और बढ़ जाते हैं। इससे गुटखा के शौकीन लोगों को ज्यादा कीमत में खरीदना पड़ रहा है फिर भी जगह की इसकी बिक्री खूब हो रही है। वहीं औषध अन्न विभाग हाथ पर हाथ रखे बैठा है।


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By nit

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