अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
राजीव गांधी की जयंती के मौके पर मध्य प्रदेश एनएसयूआई के कार्यकर्ता राजधानी भोपाल में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। छात्र नेता रवि परमार के नेतृत्व में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के बंगले के बाहर अनशन शुरू किया है। एनएसयूआई कार्यकर्ता भोपाल स्थित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय (RGPV) में पूर्व पीएम राजीव गांधी की आदमकद प्रतिमा लगाने की मांग कर रहे हैं।
सद्भावना दिवस के मौके पर एनएसयूआई के दर्जनों कार्यकर्ताओं रविवार को यशोधरा राजे सिंधिया के बंगले पहुंचे और बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए। इसका नेतृत्व कर रहे एनएसयूआई मेडिकल विंग के पूर्व संयोजक रवि परमार ने कहा, ‘ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत रत्न राजीव गांधी के नाम पर खुली RGPV में उनकी प्रतिमा तक नहीं है। सद्भावना दिवस (राजीव जयंती) के मौके पर हम यहां आमरण अनशन पर इसलिए बैठे हैं ताकि आरजीपीवी में राजीव जी की प्रतिमा लगाई जाए।
रवि परमार ने कहा, ‘युगदृष्टा राजीव गांधी देश में सूचना, तकनीक एवं संचार क्रांति के जनक थे। 21वीं सदी का देश बनाने के लिए राजीव गांधी ने देश में सूचना तकनीक व संचार क्रांति की अलख जगाई थी। संवैधानिक संस्थाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण व 18 वर्ष के युवाओं को चुनाव में वोट डालने का अधिकार स्व. राजीव गांधी की ही देन थी।
पीएम मोदी आज जिस डिजिटल इंडिया की चर्चा है, उसकी संकल्पना राजीव गांधी कई दशक पहले कर चुके थे। इसीलिए उन्हें डिजिटल इंडिया का आर्किटेक्ट और सूचना तकनीक और दूरसंचार क्रांति का जनक कहा जाता है।’
परमार ने कहा कि तकनीकी विवि में ऐसे महामानव की प्रतिमा लगना इसलिए आवश्यक है ताकि तकनीकी के क्षेत्र में कदम रखने आए नवअंकुरों को उनसे प्रेरणा मिल सके। मौजूदा समय देश में 500 से अधिक नवोदय विद्यालय संचालित हो रहे हैं जिनमें 2 लाख से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। ग्रामीण भारत को भी उत्कृष्ट शिक्षा मिले, इस सोच के साथ राजीव गांधी ने जवाहर नवोदय विद्यालयों की नींव डाली थी। हम पीएम मोदी से मांग करते हैं कि सभी नवोदय विद्यालयों में भी राजीव जी की प्रतिमा लगाई जाए।
परमार ने आगे कहा कि, ‘पंचायतीराज से जुड़ी संस्थाएं मजबूती से विकास कार्य कर सकें, इस सोच के साथ राजीव गांधी ने देश में पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त किया. राजीव गांधी का मानना था कि जब तक पंचायती राज व्यवस्था सबल नहीं होगी, तब तक निचले स्तर तक लोकतंत्र नहीं पहुंच सकता। राजीव जी ने देश में सभी धर्मों को बीच सामुदायिक समरसता, राष्ट्रीय एकता, शांति और प्यार को बढ़ावा दिया इसलिए उनकी जयंती पर सद्भावना दिवस मनाई जाती है।’ परमार ने इस दौरान कहा कि यदि आरजीपीवी में जल्द से जल्द राजीव गांधी की प्रतिमा नहीं लगाई जाती है तो हम आरजीपीवी से लेकर दिल्ली स्थित “वीर भूमि” (राजीव गांधी की समाधि) तक पैदल मार्च करेंगे।
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