जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:
मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं बची है। अबकी बार भ्रष्टाचार की व्यवस्था से हमारा मुकाबला होगा। प्रदेश में युवाओं को रोजगार मिलने की सिर्फ घोषणाएं होती हैं। झूठ के आश्वासन से जनता का पेट नहीं भरता। आगामी विधानसभा चुनाव मध्यप्रदेश का भविष्य तय करेगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने भोपाल के बीएसएस कॉलेज में मप्र कांग्रेस विधि एवं मानव अधिकार विभाग द्वारा आयोजित विधिक-विमर्श कार्यक्रम में शिवराज सरकार को घेरते हुए अपने संबोधन में यह बात कही।
श्री कमलनाथ ने कहा कि अधिवक्ता समाज सेवी होता है, उनका समाज में सम्मान होना चाहिए। प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा अधिवक्ता सम्मेलन हुआ, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में अधिवक्ता आये। इससे मुझे बल और शक्ति मिली है। समाज में साम्य स्थापित करना कानून का उद्देश्य है। मुझे पूरा विश्वास है कि अधिवक्तागण कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए एकजुट हुए हैं वह जनता के बीच जाकर प्रदेश की भाजपा सरकार की भ्रष्टाचार, जनविरोधी नीतियों और जनता पर हो रहे अत्याचारों को कानूनी स्तर पर खोलेगी। भाजपा सरकार में प्रदेश में भ्रष्टाचार की व्यवस्था बनी हुई है, 50 प्रतिशत कमीशन की सरकार चल रही है।
जहां देखों वहां भ्रष्टाचार, घोटालों की लंबी फेहरिस्त है। महिला, किसान, युवा सभी के साथ धोखा कर रही है भाजपा सरकार। बीते 18 वर्षों से शिवराज सरकार सत्ता में काबिज है। अब उन्हें बहनें, कर्मचारी याद आने लगे हैं। उनकी झूठ की मशीन डबल स्पीड से चल रही है।
श्री कमलनाथ ने कहा कि चुनाव तो आते-जाते रहते हैं, लेकिन इस बार के चुनाव अलग प्रकार के चुनाव है, जनता अब शिवराज सरकार के झांसे में आने वाली नहीं है। हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती नौजवानों की है, यह चुनाव मप्र का भविष्य तय करेंगी, नौजवानों का भविष्य तय करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर अधिवक्ताओं की मांगां पर ध्यान रखकर उनके साथ न्याय किया जायेगा।
राज्यसभा सांसद श्री दिग्विजयसिंह ने कहा कि 2018 में विवेक तन्खा ने कांग्रेस के समर्थन में हजारों वकील खड़े किए। तब हमने सरकार बनाई थी। एक बार फिर सबसे ज्यादा वकील जुड़े है, उम्मीद है कि हम पूर्ण बहुत से सरकार बनाएंगे। उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा मध्य प्रदेश में हरियाणा के नूंह की तरह सांप्रदायिक दंगे कराने की योजना बना रही है।
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा, मैंने पहली बार इतना बड़ा अधिवक्ता सम्मेलन नहीं देखा, जिसमें वकीलों ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, आज संविधान पर हमला हो रहा है, उसकी आपको रक्षा करनी है। जिस प्रकार हनुमान जी भगवान राम की रक्षा करते हैं, वैसे ही आपकी जिम्मेदारी है कि आप संविधान की रक्षा करें।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा, पूर्व मंत्री एन.पी. प्रजापति, तरूण भानोट ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने मंच से वकीलों से जुड़ी मांगे रखते हुए कहा, वकालत अब सबसे पसंदीदा पेशा हो गया है, युवा इस पेशे में आ रहा है, मध्य प्रदेश में 1 लाख 35 वकील हैं। ये वकील किसी भी पार्टी के लिए भाग्यविधाता हैं, कमलनाथ जी, दिग्विजय जी आप वकीलों को चुनाव में प्राथमिकता दीजिए। हमारी पांच मुख्य मांगें हैं। सरकार बनने पर इन्हें पूरा कीजिए। इस दौरान वकीलों ने कांग्रेस नेताओं से सरकार बनने पर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने, पेंशन स्कीम शुरू करने, हेल्थ इंश्योरेंस, स्टायपेंड बढ़ाने और सभी बार एसोसिएशन के बिजली बिल माफ करने की मांग की।
मप्र कांग्रेस विधि एवं मानव अधिकार विभाग के अध्यक्ष शशांक शेखर ने निम्न मांगे रखते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार आने पर एडवोकेट वेलफेयर एंड प्रोटेक्शन एक्ट लाया जाए, ओल्ड एज पेंशन की व्यवस्था की जाये, सहयोग राशि बार काउंसिल और एसोसिएशन को दें, नए वकीलों को कम से कम 3 साल तक स्टायपेंड मिले। वकीलों के स्वास्थ्य सुविधा और खर्च की व्यवस्था की जाए। वकील परिवार के स्वास्थ्य की चिंता करें। वकीलों के कोर्ट परिसर के चौंम्बर और कमरों के बिजली बिल का खर्च सरकार उठाए।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री पी.सी. शर्मा, विधायक आरिफ मसूद, जबलपुर के महापौर जगत बहादुर अन्नू भैया, विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, मप्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजीव सिंह, सै. साजिद अली, जे.पी. धनोपिया, अजय गुप्ता, अन्नी भैया सहित प्रदेश भर के अधिवक्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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