दिल्ली में आयोजित एनपीएस धरना प्रदर्शन में बुरहानपुर से 2 दर्जन कर्मचारियों ने की शिरकत | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

दिल्ली में आयोजित एनपीएस धरना प्रदर्शन में बुरहानपुर से 2 दर्जन कर्मचारियों ने की शिरकत | New India Times

गत दिवस दिल्ली के रामलीला मैदान में एनपीएस को लेकर रेलवे कर्मचारियों ने विशाल धरना प्रदर्शन कर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया। जानकारी देते हुए मध्य रेलवे के बुरहानपुर स्टेशन के सीटीआई शकील अहमद सिद्दीकी ने बताया कि रैली प्रातः 9:00 नई दिल्ली के रेलवे स्टेशन से प्रारंभ हुई और रामलीला मैदान पर समाप्त हुई।इस धरना प्रदर्शन में देश के कोने कोने से लगभग एक से डेढ़ लाख कर्मचारियों ने शिरकत करके धरना प्रदर्शन को सफ़ल बनाया।

दिल्ली में आयोजित एनपीएस धरना प्रदर्शन में बुरहानपुर से 2 दर्जन कर्मचारियों ने की शिरकत | New India Times

उन्होंने बताया कि इस धरना प्रदर्शन में बुरहानपुर मध्य रेलवे से सर्वश्री कामरेड पुष्पेंद्र कापड़े, शकील अहमद सिद्दीकी,सुरेंद्र सिंह मीणा, सुरेंद्र पटेल,आकाश ठाकुर,हेमन्त गोटे, सचिन पाटील, महेंद्र यादव, उमा कांत मिश्रा, संतोष बरगे, रवि पटोले, दीपक चौरसिया, संतोष यादव दॉ, सुभाष मामा, नितिन पवार, राहुल ढोके, लोकेश लोमारे, प्रदीप जैसवार, शेख़ इमरान, खुशाल महाजन, अजीत रूपव ने शिरकत की। दिल्ली में भाग लेने गए कर्मचारी नेताओं की ओर से इस प्रतिनिधि को कर्मचारी नेता कॉमरेड पुष्पेंद्र कापड़े ने बताया गया कि दिल्ली के रामलीला मैदान की ऐतिहासिक पेंशन अधिकार रैली में उमड़े जनसमूह के आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की नींद टूटी और रैली को केंद्र सरकार ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों को वार्ता हेतु आमंत्रित किया।

केंद्र सरकार व वित्त मंत्री भारत सरकार की ओर से वार्ता हेतु केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी को अधिकृत किया गया, जिसमें संयुक्त मंच ने एक स्वर में पुरानी पेंशन बहाली मांग पर सरकार को मेमोरेंडम देते हुए पेंशन बहाली की मांग को रखा। चर्चा में सभी क्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार को चेताया कि अब और इंतेज़ार नहीं किया जा सकता है। हम सभी कार्मिक 2024 के लिए 2023 में ही आर पार के मूड में हैं यदि सरकार पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय संयुक्त मंच भारत बंद का ऐलान करेगा जिसे सरकार को भुगतना पड़ेगा।


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