वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
कृषि विज्ञान केंद्र (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान) मझरा लखीमपुर ने चतुर्थ स्थापना दिवस निदेशक डॉ आर विश्वनाथन के मार्गदर्शन में मनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ निरंजन लाल ने मुख्य अतिथि डॉक्टर जगदीश प्रसाद संयुक्त निदेशक अति हिमीकृत वीर्य प्रयोगशाला मंझरा एवं कृषकों के स्वागत संबोधन से किया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में किसानों को बताया कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि एवं पशुपालन पर आधारित है इसलिए सभी किसानों को उन्नत नस्ल के बीज एवं पशुओं का उपयोग करना चाहिए विशेष तौर से मुर्रा नस्ल के पशु को पालकर अधिक से अधिक आय अर्जित की जा सकती है। केंद्र के अध्यक्ष डॉ निरंजन लाल ने अपने संबोधन में केंद्र की गतिविधियों एव कृषि एव पशुपालन की टिकाऊ उत्पादकता व लाभ कमाने पर विस्तार से चर्चा की। तकनीकी सत्र के दौरान केंद्र के सस्य विज्ञान विशेषज्ञ डॉक्टर संजय कुमार पांडे ने किसानों को गन्ना, धान एवं अन्य फसलों के उत्पादन के बारे में विस्तार से बतायाI केंद्र के पशुपालन विशेषज्ञ डॉक्टर अरविंद कुमार वर्मा ने किसानों को गोवंशीय पशुओं के लिए सेक्स सॉर्टेड सीमेन (गौ-वंश से केवल बछिया उत्पादन पाने वाली विधि) का उपयोग करने की सलाह दी जिसमें सिर्फ मादा बच्चे ही प्राप्त होंगे। केंद्र के पौध संरक्षण विशेषज्ञ डॉ विवेक कुमार पांडे ने गन्ना एवं अन्य फसलों की बीमारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। केंद्र के उद्यानिकी विशेषज्ञ आर्य देश दीपक मिश्र ने किसानों को विभिन्न प्रकार की पौध तैयार करने की जानकारी दी। इस कार्यक्रम में कई किसानों ने कृषि विज्ञान केंद्र के बारे में अपने-अपने अनुभव साझा किया उन्होंने कहा कि केंद्र के विशेषज्ञों से उन्हें नई-नई किस्मों एव तकनीक के बारे में जानकारी मिलती रहती है जिससे उन्हें बहुत लाभ होता है और केंद्र द्वारा अंतः फसल (सहफसली) उगाने की सलाह बहुत ही लाभप्रद सिद्ध हो रही है अंत में सभी किसानों को केंद्र के फार्म पर भ्रमण भी कराया गया। इस कार्यक्रम में 101 किसानों ने भाग लिया। केंद्र सहयोगी ज्ञानेंद्र यादव, महेश्वर सिंह एव आदिल भी उपस्थित रहे।
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