साबिर खान, मथुरा/लखनऊ (यूपी), NIT:
मथुरा में एक चावल माफिया ने रंजिश के तहत अपने गुर्गों से एक पत्रकार पर जानलेवा हमला करवा दिया। हमलावर हमले के दौरान आसपास के ग्रामीणों को पास आता देख मौके से फरार हो गए।
मिली जानकारी के अनुसार पत्रकार मुकेश कुमार गुप्ता की शिकायत पर चावल माफिया लक्ष्मण गोयल के यहां सरकारी चावल को लेकर पिछले दिनों अधिकारियों ने छापामार कार्रवाई करने के दौरान बड़ी मात्रा में चावल बरामद होने पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उसी दिन से चावल माफिया ने अपने गुर्गों से रैकी करवाते हुए दिनांक 1 अगस्त 2023 को दोपहर 12 अपने आवश्यक काम से पत्रकार मुकेश कुमार गुप्ता गांव व पोस्ट राल जनपद मथुरा गए हुए थे। गांव व पोस्ट राल से अपने घर लौटते समय दोपहर 1:00 बजे गांव खुशीपुरा के पास पत्रकार मुकेश कुमार गुप्ता को एक नीले रंग की कार के द्वारा ओवरटेक करके सुनसान जगह पर घेरते हुए अपनी कार मुकेश कुमार गुप्ता की मोटरसाइकिल के आगे लगाकर रोक लिया गया। पत्रकार मुकेश गुप्ता कुछ समझ पाते उससे पहले ही हमलावरों ने लाठी-डंडे हथियारों से हमला कर दिया। हमले के दौरान हमलावरों ने ग्रामीणों को अपनी ओर आता देख मौके से भाग खड़े हुए जिससे मुकेश कुमार गुप्ता की जान तो बच गई लेकिन उन्हें गंभीर चोटें आईं। पीड़ित पत्रकार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय एसएसपी शैलेश पांडेय को अपने ऊपर हुए हमले की जानकारी दी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पीड़ित पत्रकार को जैंत थाने भेज दिया। जैंत थाने ने पत्रकार को राल चौकी भेज दिया जहां चौकी इंचार्ज महिपाल सिंह ने घटना को झूठलाते हुए घटना होने से इंकार कर दिया और पीड़ित को कोई चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध नहीं करवाई।
पीड़ित पत्रकार मुकेश कुमार गुप्ता के द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता बृज यातायात एवं पर्यावरण जनजागरूकता समिति रजि उत्तर प्रदेश के संस्थापक अध्यक्ष विनोद दीक्षित से संपर्क किया और उनके कार्यालय पहुंचकर गंभीर घायल पत्रकार मुकेश कुमार गुप्ता ने अपने साथ हुई घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए सहयोग मांगा। विनोद दीक्षित ने घटना का संज्ञान लेते हुए पीड़ित को घटनास्थल पर ले जाकर अपनी तरफ से जांच की 4 घंटे की मशक्कत के बाद पांच चश्मदीद ढूंढ निकाले। पांचों चश्मदीद गवाहों के सामाजिक कार्यकर्ता विनोद दीक्षित के बयान लिए और बयान के बाद सामाजिक कार्यकर्ता विनोद दीक्षित ने सीओ सदर प्रवीण मलिक को फोन पर घटना की जानकारी देने के साथ कार्यवाही की मांग की तो उन्होंने तुरंत थाना जैंत के थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए बोला तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई। एफआईआर दर्ज होने के कई दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने अभी तक नामजद आरोपियों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की है। पीड़ित पत्रकार ने शासन-प्रशासन से पूरे मामले की जांच कर दोषियों के कार्रवाई की मांग की है।
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