मानहानि मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी की सजा पर लगाई रोक, जुन्नारदेव में जश्न का माहौल | New India Times

मो. मुजम्मिल, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:

मानहानि मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी की सजा पर लगाई रोक, जुन्नारदेव में जश्न का माहौल | New India Times

मानहानि मामले में अपनी सांसदी गवां चुके कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वायनाड सीट से लोकसभा सदस्य रहे राहुल गांधी के मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इस फैसले से कांग्रेस जनों में जश्न का माहौल है। शुक्रवार जुन्नारदेव शहर में विधायक सुनील उइके ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ माननीय सर्वोच्च न्यायालय के राहुल गाँधी की सजा पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत करते हुए इसे लोकतंत्र की जीत बताया। जश्न, आतिशबाजी और मिष्ठान्न वितरण के साथ उन्होंने कहा यह असत्य पर सत्य की जीत है। सच्चाई और न्याय की जीत है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रोक से यह भी साबित हो गया कि आम जनता का भरोसा न्यायपालिका ने कायम रखा है। इससे जनता के बीच यह संदेश भी पहुँचा है कि सत्य को परेशान तो किया जा सकता है लेकिन किसी भी सूरत में पराजित नहीं किया जा सकता। जैसे ही सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आया जुन्नारदेव में विधायक सुनील उईके के नेतृत्व में काँग्रेस कार्यालय में कांग्रेसजनों का हुजूम लगने लगा। उपस्थित नेताओ एवं कार्यकर्ताओं ने काँग्रेस कार्यालय से गाँधी चौक तक रैली निकालकर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जोरदार नारेबाजी की। यहॉं पर विधायक सुनील उईके ने उपस्थित पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए देश के सर्वोच्च न्यायालय का आभार व्यक्त किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने भारी आतिशबाजी कर मिष्ठान वितरण किया एवं ढोलबाजे के साथ जोरदार नारेबाजी की।

मानहानि मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी की सजा पर लगाई रोक, जुन्नारदेव में जश्न का माहौल | New India Times

गौरतलब हो कि साल 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक चुनावी सभा को संबिधित करते हुए कहा था कि सारे मोदी सरनेम वाले चोर होते हैं। उनके इस बयान ने तूल पकड़ लिया था और उसके बाद सूरत के भाजपा विधायक ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा यह कहकर ठोक दिया था कि यह हमारे समाज की मानहानि की है। इस दौरान राहुल गांधी ने अपना पक्ष रखते हुए साफ किया था कि वह निर्दोष है साथ ही यह भी कहा था कि उनका यह बयान किसी जाति समाज को नीचा दिखाने की मंशा से नहीं था। इसके बाद सूरत न्यायालय ने इस मामले में उन्हें 2 वर्ष की सज़ा सुनाई और इस सज़ा की वजह से उनकी सांसदी चली गयी थी। आज सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उनकी सजा पर रोक से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। न्यायालय की रोक ने न्यायपालिका पर आम आदमी का भरोसा पुख्ता कर दिया है।

विजयी जुलूस में विधायक सुनील उईके के साथ अशोक विश्वकर्मा, रमेश साहू, घनश्याम तिवारी, आर के बैग, रमेश राय, अनिल मिगलानी, शैलेन्द्र शर्मा, बी एल तागड़ी, श्याम यदुवंशी, जीतेन्द्र अग्रवाल, जसवंतसिंह ठाकुर, शंकर कुमरे, राजुद्दीन सिद्दीकी, अरुणेश जयसवाल, हेमराज पवार, उपेंद्र शर्मा, घनश्याम बरखाने, अंकित राय, यशदीप साहू, अन्नू वानखेड़े, सलमा बेगम, जाहिदा खान, गुड्डी शीलू, रवीना यादव, निहारिका कहार, उष्मान सिद्दीकी, संतोष जंघेला, कैलाश पथरोड, स्वामीनाथ साहनी, अजय साहू, निसारगुल खान, आलोक मुखर्जी, प्रेमशा भलावी, नानेन्द्र शर्मा, सुबोध राय, उमेश बत्रा, खालिद महमूद, गुड्डा राय, धीरेंद्र शर्मा, शाहबाज खान, नासिर खान, महमूद खान, सलीम खान, इनायत खान, कृष्णकांत चौरासे, दिलीप राय, आशीष चौरसिया, विशाल दुबे, गन्नूलाल जावलकर, विजय गुप्ता, प्रवीण सिंह, अमित दुर्गे, रामस्वरूप मुछौरिया, मोहम्मद हनीफ, जगदीश नामदेव, रामनंदन राय, कैलाश यदुवंशी, राजेश आहाके सहित बड़ी संख्या में काँग्रेसजन उपस्थित रहे।


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