नगर-वन विकसित करने हेतु पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने अधिकारियों के साथ किया स्थल निरीक्षण | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

नगर-वन विकसित करने हेतु पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने अधिकारियों के साथ किया स्थल निरीक्षण | New India Times

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने बुरहानपुर में ‘‘नगर वन‘‘ (सिटी फोरेस्ट) विकसित करने हेतु लगातार प्रयासरत हैं। इसके लिए बुधवार को श्रीमती चिटनिस ने नगर निगमायुक्त संदीप श्रीवास्तव एवं वन विभाग के एसडीओ के सहित प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चिंचाला वार्ड स्थित प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया।

ज्ञात हो कि पूर्व मंत्री श्रीमती चिटनिस ने मई 2023 में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं महापौर श्रीमती माधुरी पटेल एवं पूर्व महापौर अतुल पटेल से मुलाक़ात कर नगर वन विकसित करने की बात कहीं थी। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि नगर निगम बुरहानपुर के चिंचाला वार्ड में श्मशान घाट के पीछे निगम स्वामित्व की भूमि है, जो नगर वन योजना के क्रियान्वयन के लिए सर्वथा उपयुक्त प्रतीत होती है। श्रीमती चिटनिस ने भूमि पर शासन की योजना के अंतर्गत नगर-वन विकसित करने का प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति हेतु वन विभाग के माध्यम से शासन को भेजने हेतु महापौर श्रीमती माधुरी पटेल से आग्रह किया था।

जिसके बाद आज संबंधित अधिकारियों के साथ प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया गया है। श्रीमती पटेल ने अतिशीघ्र प्रस्ताव शासन को भेजे जाने हेतु आश्वस्त किया है। अतिशीघ्र प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे जाने के बाद शीघ्र ही भारत सरकार से इसकी स्वीकृति करा सकेंगे। पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि नगरीय क्षेत्र में बढ़ती आबादी को देखते हुए पेडों की आवश्यकता है। कटते वन और घटते ग्रीन कवर के कारण जलवायु परिवर्तन की विपदा और क्षति को तो इस वर्ष हम भोग ही रहे हैं। कम हो रहे वृक्षों के कारण भूमिगत जल स्तर तेज़ गति से गिरता जा रहा है। वृक्षारोपण केवल वन क्षेत्र में में रहने वाला समाज व ग्रामीणों की जिम्मेदारी ही नहीं है। इसे समझते हुए भारत सरकार व प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में ‘‘नगर वन‘‘(सिटी फोरेस्ट) योजना बनाई गई है। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी की गई इस योजना की अवधि 2020-21 से 2024-25 तक है।

योजना का उद्देश्य नगरीय निकाय की सीमा के 5 कि.मी.की परिधि में 10 हेक्टेयर से 50 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में स्थानीय प्रजाति के पौधों का सघन रोपण कर वनीकरण को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि योजना में प्रस्ताव स्वीकृत होने पर भारत सरकार द्वारा 40.00 लाख रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से वनीकरण हेतु अनुदान दिया जाएगा। स्थल निरीक्षण के दौरान संभाजी सगरे, धनराज महाजन, आशीष शुक्ला, रूद्रेश्वर एंडोले, गौरव शुक्ला, रितेश सरोदे सहित अन्य जन प्रतिनिधि गण उपस्थित रहे।


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