ऑन लाइन ठगी करने वाले दो बदमाशों को बिहार से पकड़ लाई हमारे झाबुआ जिले की पुलिस<br> | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

ऑन लाइन ठगी करने वाले दो बदमाशों को बिहार से पकड़ लाई हमारे झाबुआ जिले की पुलिस<br> | New India Times

अक्सर कहा और सुना जाता है की पुलिस के हाथ लंबे होते हैं हमारे झाबुआ जिले की पुलिस बिहार पहुंचकर बदमाशों को पकड़ लाई।

ग्राहक सेवा केंद्र खुलवाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से ऑन लाइन ठगी करने वाले चार बदमाशों को झाबुआ पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

इनमें से दो बदमाशों को बिहार के नवादा से पकड़कर झाबुआ लाया गया।
उनके पास से एक लैपटॉप, 3 मोबाइल, 6 सिम कार्ड, 10 एटीएम कार्ड और बैंक पास बुक व अन्य दस्तावेज़ जब्त किए गए हैं।

बदमाशों ने झाबुआ के साथ ही खरगोन व अनूपपुर और यूपी तथा झारखंड के युवाओं को भी ठगी का शिकार बनाया।

इस केस को स्टेट साइबर सेल को सौंपे जाने की तैयारी की जा रही है। ताकि और भी खुलासे हो

वेबसाइट के जरिए ग्राहक सेवा केंद्र खुलवाने के नाम पर झांसे में लेकर करते थे ठगी

पुलिस कप्तान आगम जैन ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया।

उन्होंने बताया कि झाबुआ निवासी युवक लॉरेंस ने शिकायत की थी कि किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा उसे फोन करके एन आई सीटी की वेबसाइट के माध्यम से एस बी आई का ग्राहक सेवा केंद्र खुलवाने के लिए फोन किया गया था।
इसके लिए उसे रजिस्ट्रेशन चार्ज, प्रोसेसिंग फीस, आईडी, पासवर्ड व अन्य चार्ज का झांसा देकर 40600 जमा करवा लिए गए। इस मामले में झाबुआ कोतवाली में धारा 420, 419 और धारा 66डी आईटी एक्ट में प्रकरण दर्ज किया गया था।

इसके पश्चात झाबुआ कोतवाली की टीम और साइबर सेल ने जांच शुरू की। इस दौरान पता चला कि पहले पैसा नरसिंहपुर किसी के खाते में जमा हुआ और फिर वहां से बिहार के नवादा पैसा ट्रांसफर किया गया।
इस लिंक के जरिए पहले झाबुआ पुलिस नरसिंहपुर पहुंची। वहां से आरोपी प्रशांत उर्फ राहुल पिता लालचंद ढीमर (20) और दीपक पिता भूरेलाल जाटव (21) को गिरफ्तार किया गया। दीपक खाता खुलवाने का काम करता था और प्रशांत खातों को मुख्य आरोपी तक पहुंचाता। इनसे मुख्य आरोपियों का सुराग मिला।

इसके बाद पुलिस टीम बिहार के नवादा में ग्राम बाहरी बीघा पहुंची।
यहां से अन्य दो आरोपी सुगन पिता मधु सूदन प्रसाद महतो और राजेश उर्फ सन्नी पिता मदन सिस्त्री को गिरफ्तार किया।
सुगन अकाउंट ऑपरेट करने के साथ लोगों को कॉल करता था।
जबकि राजेश अकाउंट ऑपरेटर के साथ खाते में जमा रुपया निकालने का काम देखता था।
ये तेजी से ठगी के काम को अंजाम देते ताकि अकाउंट फ्रीज न हो पाए।
गिरफ्तारी में थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक बिजेंद्र छाबरिया, प्रधान आरक्षक जितेंद्र सांखला व रईस पठान, आरक्षक गमतु, मनोहर भूरिया व राकेश तथा साइबर सेल के उपनिरीक्षक जितेंद्र चौहान आदि की भूमिका रही।

इस तरह देते वारदात को अंजाम

बदमाशों ने एनआईसीटी की फर्जी वेबसाइट बना रखी थी। जब कोई भी व्यक्ति बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र खोलने के लिए गूगल पर सर्च करता तो उसका नंबर उनके पास चले जाता। फिर वे संबंधित व्यक्ति को कॉल करके स्वयं को एनआईसीटी कंपनी का अधिकारी बताकर ग्राहक सेवा केंद्र खुलवाने के लिए बात करते।

विश्वास हासिल करने के लिए उनके द्वारा बकायदा फर्जी ग्राहक सेवा केंद्र के रजिस्ट्रेशन का लेटर भी भेज दिया जाता।

इसके बाद वे उनसे विभिन्न प्रकार की फीस जैसे रजिस्ट्रेशन चार्ज, प्रोसेसिंग फीस ओडी अकाउंट फीस व अन्य चार्ज के हिसाब से अलग-अलग खातों में पैसे डलवाते। यह खाते भी किराए से लिए जाते।
इसकी एवज में जितनी भी राशि खाते में जमा होती उसका 10% खाताधारक को दिया जाता।
जबकि 5% राशि खाता खुलवाने वाले को और 1% कमीशन कैश निकलवाने वाले को देते थे।
अकाउंट ऑपरेट करने वाले की जिम्मेदारी होती है कि वह खातों से तुरंत राशि निकाल लें। इस तरह से यह ठगी का खेल चलता।

इन बातों का ध्यान रखें

● ऑनलाइन साइट पर ग्राहक सेवा केंद्र और नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन करने से पहले उस साइट के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लें
● लॉटरी और इनाम के झांसे में किसी को भी अपनी जानकारी शेयर ना करें। अनजान ऐप या लिंक को ओपन न करें।
● लोन देने वाली कंपनी की सत्यता की जानकारी प्राप्त कर लें। अनजान नंबर से कॉल करने वाले नंबर पर विश्वास कर उनके कहने पर कोई ओटीपी या अपनी निजी जानकारियां शेयर न करें।
● अज्ञात मोबाइल नंबर से जॉब के नाम पर आने वाली फर्जी कॉल से सावधान रहें। किसी भी अनजान खाते में ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर न करें।
● गूगल के माध्यम से कस्टमर केयर नंबर सर्च करने के लिए अधिकृत वेबसाइट को ही चुनें
● साइबर क्राइम संबंधित घटना घटित होने की सूचना साइबर सेल झाबुआ के हेल्पलाइन नंबर 70491 40517 अथवा राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।


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By nit

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