सुप्रीम कोर्ट से स्पीकर ने मांगा रिजनेबल समय, गवर्नर के संरक्षण में चल रही है महाराष्ट्र की ट्रिपल इंजिन सरकार | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

सुप्रीम कोर्ट से स्पीकर ने मांगा रिजनेबल समय, गवर्नर के संरक्षण में चल रही है महाराष्ट्र की ट्रिपल इंजिन सरकार | New India Times

सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दी गई शिंदे- फडणवीस सरकार को बरखास्त करने के बजाये केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उसे मजबूत किया जा रहा है। सरकार की वैधता पर शीर्ष अदालत का फैसला आए ढाई महीने बीत चुके हैं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 बागी विधायकों को अपात्र घोषित करने के अपने अधिकार के निर्वहन हेतु स्पीकर ने कोर्ट से रिजनेबल टाइम को और बढ़ाने की मांग की है जो पहले से तय था। सरकार में शामिल अजीत पवार के समर्थन में NCP के कितने विधायक हैं इसे सदन में ऑन रेकॉर्ड साफ़ होने नहीं दिया जा रहा है। यहां एक बात स्पष्ट है कि अनुच्छेद 154 के संरक्षण में राज्य सरकार गवर्नर के नाम और अधिकार में चलाई जा रही है। संविधान के अनुच्छेद 153 के मुताबिक प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल होता है, 154(1) के मुताबिक राज्य की कार्यपालिका शक्ति राज्यपाल निहित होगी और वह इसका प्रयोग संविधान के अनुसार स्वयं या अपने अधीन अधिकारियों के द्वारा करेगा। अगर कांग्रेस इस प्रकार से सरकार चलाती तो क्या होता? राष्ट्रपति अनुच्छेद 356 का प्रयोग कर उस सरकार को तत्काल बरखास्त कर देतीं। महाराष्ट्र के केस में अनुच्छेद 129 नुसार उच्चतम न्यायालय के फैसलों का सम्मान करने को लेकर कार्यपालिका और राज्यपाल की चुप्पी ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महाराष्ट्र में चल रहे सत्य संघर्ष के कई कानूनी बिंदु हैं जिनकी परतें धीरे धीरे खुल रही हैं। जरूरी है की एक नागरिक होने के नाते पाठक इन पहलुओं के तथ्यों को परखें।

दिसंबर में होंगे लोकसभा चुनाव

साल 2023 के आखिर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन सभी राज्यों में लोकसभा की 83 + जम्मू कश्मीर की 5 = 88 सीटें हैं। भाजपा को महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान से उम्मीद है। पांच राज्यों के विधानसभा के साथ देश में लोकसभा चुनाव करवाए जा सकते हैं। शायद तब तक महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस-पवार सरकार बरकरार रखी जाएगी।


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By nit

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