मकसूद अली, ब्यूरो चीफ यवतमाल (महाराष्ट्र), NIT:
महाराष्ट्र के किसानों की समस्याओं को हल किये जाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन जिलाधिकिारी के माध्यम से प्रदेश के सीएम देवेंद्र फडणवीस कौ सौपा गया है। यह ज्ञापन मुव्हमेंट फॉर पीस अँड जस्टीस फॉर वेलफेअर (एमपीजे) ने जिलाधिकारी को 24 दिसंबर को सौंपा।
आज देश में किसान अपने अस्तित्व की लढाई लड रहा है। किसान व खेत मजदुर की आर्थिक स्थिति दयनिय है, वह अकाल से त्रस्त है, सिंचाई की व्यवस्था नहीं है, बोरींग के पानी का उपयोग करने के लिए बिजली नहीं है, फसल को उचित दाम नहीं मिलते, जंगली जानवर फसल का नुकसान करते हैं, वन अधिकारी उनकी कुछ नहीं सुनता, किसान कर्ज के बोज तले दबा है।
जब-जब किसी राज्य में किसान आंदोलन होता है, तब-तब स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों का मुद्दा चर्चा में आता है। किसान संगठन लंबे समय से स्वामीनाथ कमेटी की सिफारिशों को लागू किए जाने की मांग करते रहे हैं लेकीन हमेशा किसानों को ठगती रही है सरकारें, कभी लागू नहीं हुई स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें इसलिए एमपीजे ने स्वामिनाथन आयोग लागू करने की भी मांग की है। विगत दस वर्ष में जिन किसानों ने आत्महत्या की है उनके परिवार को पांच लाख रूपये नुकसान भरपाई देने, एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, उत्पादन खर्च के 50 प्रतिशत हमी भाव लागु करने, बिनाशर्त किसानो को कर्जमाफी आदी मांगों का समावेश इस ज्ञापन में है।
इस अवसर पर एमपीजे जिला अध्यक्ष प्रोफेसर सैय्यद मोहसिन, महिला विंग अध्यक्षा समीना खालिक शेख, वसीम खान, खालीक शेख, शोएब साहिर नदीम पटेल, सैय्यद मुजाहिद, एहतेशाम साहिर, रियाज हूसैन सिद्दीकी, जिया मिनाई, काशीनाथ राठौर तथा शेतकरी वारकरी संघटना के अध्यक्ष सिकंदर शाह भी मौजुद थे।
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